शनिवार, 10 जुलाई 2010

चेट रूम (लघु कथा)

दिन 1(रिषभ का कंप्यूटर):

Me: Buzzzzz...
Catchmeif: ह्म्म्म्म ...
क्या चल रहा है ?
Me: बहुत बड़ा तूफ़ान ...
Catchmeif: मतलब ?
Me: कॉलेज गयी थी ?
Catchmeif: नहीं तबियत,
Me: दवाई ली ?
Catchmeif: ख़राब है.
हाँ दो पन्ने पढ़ लिए थे तुम्हारी डायरी के ,
दिन में तीन बार .
Me: :)
Catchmeif: :)
तुम गए ?
Me: कहाँ ?
Catchmeif: जेह्न्नुम . नहीं करनी है बात तो मैं जा रही हूँ ....
Me: ह्म्म्म्म.....
Catchmeif: क्या बोली ?
Me: कौन ?
Catchmeif: ओके बाय ...
Me: अरे रुको बाबा . कुछ नहीं ...
बस..
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Me: मतलब आँखों के बोलने को बोलना थोडी न कहते हैं...
:)
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Me: कहाँ गयी ?
ओफो...
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Me: अच्छा बाबा..
पूछो क्या पूछना है?
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दिन 2(रिषभ का कंप्यूटर):

Me:मुझे पता है तुम ऑनलाइन हो...
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Catchmeif: ह्म्म्म ...
तुम्हें कैसे पता ?
Me: ये चेहरा तुम्हारा , हर बार की तरह
Catchmeif: मतलब ?
Me: Facebook देखो अपना .
Catchmeif: अरे हाँ अभी..
Me: याद है ४ साल पहले ? ये चेहरा ?
Catchmeif: अभी खोला था.
Me: ह्म्म्म ...
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Me: गयी क्या ?
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 दिन 3(रिषभ का कंप्यूटर):

ऋचा: सॉरी बाबा कल के लिए ....
Me: नहीं कोई नहीं .
[ऋचा अभी व्यस्त हैं, आप शायद उनके कार्य में व्यवधान डाल रहे हैं]
ऋचा: क्या कर रहे थे ?
Me: आज हिंदी में ?
ऋचा: तुम्हें पसंद है न हिंदी ?
Me: ह्म्म्म्म...
ऋचा: अच्छा चलो मैं चलती हूँ शायद वो बुला रहे हैं . TK CR
Me: पहले से कहीं ज्यादा पसंद है अब तो
[ऋचा को आपकी ये चेट नहीं मिली ]

 

दिन 4(ऋचा  का कंप्यूटर)::

Me: कहानी कैसी चल रही है तुम्हारी .
रिषभ : ह्म्म्म ...
Me:शादी कब है ?
रिषभ : बताया तो था .
Me: ह्म्म्म्म ....
तैयारियां शैयारियां ?
रिषभ : ह्म्म्म्म ...
Me: क्या ह्म्म्म्म्म.. ह्म्म्म्म्म...
रिषभ  :)
Me: ये झूठी हंसी हँसना बंद कर दो अब तो .
कब तक बच्चे
रिषभ : झूठी हंसी बच्चे हंसते हैं क्या ?
Me:बने रहोगे ...
रिषभ : वेट ...
Me: कहाँ चल दिए ?
आया होगा उसका फ़ोन...
लंगडा लंगडा के उसे उठाने गए होगे ...
...अच्छा डॉक्टर क्या कहते हैं ?
कब तक ?
[Rishabh को आपकी ये चेट नहीं मिली]





2 टिप्‍पणियां:

  1. ये बड़ी नाज़ुक सी chat है . कभी भी किसी भी दिशा में घूम सकने में सक्षम ..लेकिन घुमाई नहीं गयी..सतर्कता के साथ.. ! मुझे अच्छा लगा इसका 'अनकहापन' !

    और ये भी कि - catchmeif cant receive ue messages !

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  2. .....[ऋचा अभी व्यस्त हैं, आप शायद उनके कार्य में व्यवधान डाल रहे हैं]

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